Saturday, August 16, 2008

नमी



उसके पास बंजर भूमि है
जिसे वो हर रोज खोदता है
पानी नही निकलता
नमी नहीं आती
पर ख़ुद भीग जाता है

एक सपना है -
जो उसके पूर्वजों ने देखा था
एक सपना है
जिसे अब वो भी बुनता है
पर न नजाने कितनी गहराई मैं धंस गया है
जिसे उसकी, तीन पीढियां
खोदते-खोदते नहीं निकल पाई
वो यह सोचता है - और फिर खोदने लगता है
तीन पीढियां पीढियां के पसीने की सिचाई से भी
नमी नहीं आयी
पानी नहीं निकला


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