विशवास करो
विशवास करो कि मैं नादान हूँ
फिर कहते क्यों हो
यह तो दिखाई देने वाली शय है
उन्हे परिभाषा भी तो मालूम हो
जिन्हे बताओगे
वे जान पयेगै तब
अर्थ मालूम होगा जब
देखा होगा, महसूस किया होगा
फिर किसे बताओगे
अपने आप को
या फिर अपने ही जैसे किसी को
जिसे ढूंढ़ना होगा भीड़ मैं
सबसे अलग , असाधारण
उससे कहना
कि तुम नादान हो
इसे बचाना भी है मुश्किल
मुझे मालूम है
कुछ दिनों मैं
वैसे दिखने लगोगे तुम
जैसे दीखते है सब
साथ कोई हो
जो प्रेरणा दे
टोके, गलती करने पर
संपर्क करोगे
बहार निकलोगे
कैसे कैसे रंग
अन्तर हो जाएगा फिर
तुममे और उसमें
तुम्हे सायद कई मिल जायें
पर उसे मुश्किल से मिले हो तुम
अंतहीन दिशाहीन तलाश
मुश्किल से मिले हो
इसलिए मिलकर रहो
बहार मत जाना
ताकि रंग डालें लोग
सम्भव हैअपनी दुनिया बनाना
जिसमें कुछ सीमित लोग हों
सब सफ़ेद
आपस मैं एक दूसरे से कहें
हम सब नादान हैं
मुश्किल से मिले हो
इसलिए मिलकर रहो
और उनसे कहो
कि तुम नादान हो
फूलों कि तरह
बच्चो कि तरह
विशवास करो कि मैं नादान हूँ
फिर कहते क्यों हो
यह तो दिखाई देने वाली शय है
उन्हे परिभाषा भी तो मालूम हो
जिन्हे बताओगे
वे जान पयेगै तब
अर्थ मालूम होगा जब
देखा होगा, महसूस किया होगा
फिर किसे बताओगे
अपने आप को
या फिर अपने ही जैसे किसी को
जिसे ढूंढ़ना होगा भीड़ मैं
सबसे अलग , असाधारण
उससे कहना
कि तुम नादान हो
इसे बचाना भी है मुश्किल
मुझे मालूम है
कुछ दिनों मैं
वैसे दिखने लगोगे तुम
जैसे दीखते है सब
साथ कोई हो
जो प्रेरणा दे
टोके, गलती करने पर
संपर्क करोगे
बहार निकलोगे
कैसे कैसे रंग
अन्तर हो जाएगा फिर
तुममे और उसमें
तुम्हे सायद कई मिल जायें
पर उसे मुश्किल से मिले हो तुम
अंतहीन दिशाहीन तलाश
मुश्किल से मिले हो
इसलिए मिलकर रहो
बहार मत जाना
ताकि रंग डालें लोग
सम्भव हैअपनी दुनिया बनाना
जिसमें कुछ सीमित लोग हों
सब सफ़ेद
आपस मैं एक दूसरे से कहें
हम सब नादान हैं
मुश्किल से मिले हो
इसलिए मिलकर रहो
और उनसे कहो
कि तुम नादान हो
फूलों कि तरह
बच्चो कि तरह
आपस मैं एक दूसरे से कहें
ReplyDeleteहम सब नादान हैं
मुश्किल से मिले हो
इसलिए मिलकर रहो
और उनसे कहो
कि तुम नादान हो
फूलों कि तरह
बच्चो कि तरह
नादान बने रहने में ही भलाई होती है।