Sunday, March 10, 2013

तुम याद आये

आज फिर दिल दुखा है , तुम याद आये
ख्वाबों ने दिल से कुछ माँगा है , तुम याद आये
सोचा कई बार जिंदगी से  किनारा कर लूं  
तुम्हारे कुछ वादे याद आये, तुम याद आये

एक बच्चे ने खिलौने की जिद पकड़ ली जब, तुम याद आये
खो जाने  के डर से उंगली पकड़ ली जब, तुम याद आये
यूँ तो बहुत लम्बा था, मुश्किल था ज़िन्दगी का सफ़र
मैं जब भी हार गया, थक गया, तुम याद आये

एक मुल्ला ने मस्जिद मैं अज़ान दी जब, तुम याद आये
किसी ने ग़ालिब का एक शेर पढ़ा जब, तुम याद आये
तुम्हारी कथ्थई आँखों मैं, मेरी उम्र की दुआ
ये दिल सजदे मैं झुक गया जब , तुम याद आये



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